राजस्थान से जग
मोहन ठाकन
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राजस्थान परिवहन
विभाग का कारनामा
बॉडी बनी नहीं बसें हो गयी
पंजीकृत
रेतीले
राजस्थान में न केवल भूमि नर्म है
, अपितु कानून कायदे भी शायद हद से ज्यादा ही नर्म हैं , जिसकी वजह से आये दिन नए घोटालों की गूँज सुनाई
दे रही है | अभी सिंघवी खान घोटाले की
कालिमा छंटी ही नहीं थी कि राजस्थान परिवहन विभाग ने सरकार के चेहरे पर एक और दाग लगा दिया है | बांसवाडा एवं
श्रीगंगानगर के जिला परिवहन अधिकारियों ने
बिना बॉडी तैयार हुए ही बसों का रजिस्ट्रेशन करके एक नया इतिहास रच दिया |निजीकरण
को बढ़ावा देने वाली नीतियों की पक्षधर प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर राज्य के परिवहन
विभाग ने सितम्बर माह में प्रदेश के ४७६
मार्गों पर लगभग अढाई हज़ार निजी बसों को परमिट जारी करने हेतु जनसाधारण से आवेदन
मांगे थे | इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी रोडवेज बसों के समानांतर प्राइवेट
बसों के सञ्चालन को मंजूरी दी गयी है | इस नयी परिवहन सेवा का नाम राजस्थान लोक
परिवहन सेवा रखा गया है | राजस्थान की
सरकारी परिवहन बसों की कमी एवं खटारेपन को
देखते हुए यहाँ प्राइवेट क्षेत्र की बसों में मोटी कमाई के आकर्षण ने येन केन प्रकारेण परमिट
प्राप्ति हेतु लोगों को खूब आकर्षित किया है | परन्तु हर आवेदक के मन में कहीं न
कहीं यह भय तो रहा ही है कि यदि परमिट नहीं मिला तो ? इसी कारण से लोग विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके
नियमों को ताक पर रखकर केवल चैसिस के आधार
पर ही रजिस्ट्रेशन करवाने लगे ताकि
बॉडी बंधाने में लगने वाले समय के चक्कर में कहीं आवेदन की
अंतिम तिथि ही न निकल जाए | अधिकारियों ने भी
आवेदकों की इस चाहत को लाभकारी अवसर के रूप में खूब कैश किया
| परन्तु “ बुरी नज़र वाले तेरा मुंह काला” की परवाह किये बिना ही इस पर किसी की बुरी नज़र लग गयी और अवैध पंजीकरण की इस
घालमेल का भंडाफोड़ हो गया |
क्या हैं परमिट के
नियम
किसी भी दो वर्ष से अधिक पुरानी बस को परमिट नहीं दिया जायेगा |परमिट धारक बस
अधिकतम पांच वर्ष की अवधि तक ही चलाई जा
सकेगी |ऑफ व्हाईट रंग की बॉडी पर बारह इंच चौड़ी पट्टी पर तीन तरफ राजस्थान लोक
परिवहन सेवा लिखा जायेगा |इसमे जी पी एस सिस्टम भी लगाना होगा |
क्या हुआ कारनामा
जिला श्रीगंगानगर
के कार्यवाहक जिला परिवहन अधिकारी पवन चुग ने दो ऐसी बसों का रजिस्ट्रेशन कर दिया
जो जाँच में अधूरी बॉडी निर्माण अवस्था में बॉडी निर्माता की ही वर्कशॉप में पाई
गयी | अन्य ३९ बसों के पंजीकरण में भी
दस्तावेजों में बिना बॉडी निर्माण
के फिटनेस प्रमाणपत्र का जारी किया जाना
तथा बिना एच एस आर पी लगे ही प्लेट लगाया
जाना सत्यापित किया जाने जैसी अनियमितताएं मिली | श्रीगंगानगर में
पंजीकृत कुछ बसों के पंजीकरण की जांच में
सामने आया कि चैसिस ख़रीद तिथि से पहले की तिथि में ही बॉडी निर्माण का बिल
प्रस्तुत किया गया | अन्य कुछ बसों की चैसिस खरीद तथा बॉडी निर्माण का बिल एक ही
तिथि में है |कुछ मामलों में ऐसा भी पाया गया कि बस चैसिस खरीद की तारीख एवं बॉडी
निर्माण की तिथि में पांच दिन से भी कम का अंतर है , जबकि बस बॉडी निर्माण कर्ता
कहते हैं कि न्यूनतम पंद्रह दिन का समय तो चाहिये
ही |
जिला बांसवाडा के कार्यवाहक जिला परिवहन
अधिकारी ने भी ऐसी दो बसों का पंजीकरण किया जिनकी चैसिस की खरीद जयपुर से की गयी थी तथा वाहन स्वामी का जिला बांसवाडा में न तो निवास एवं न
ही व्यवसाय का पता प्रमाण था | इन बसों का
पंजीयन बांसवाडा परिवहन अधिकारी के क्षेत्र अधिकार में नहीं
था | फिर भी परिवहन अधिकारी एन एन शाह ने नियम विरुद्ध बिना एच एस आर पी लगे ही प्लेट
लगाया जाना सत्यापित कर दिया तथा पंजीयन एवं फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर दिया |
विभागीय जांच में सिद्ध हुआ कि उक्त वाहनों का
बिना बॉडी निर्माण पूरा हुए ही नियम विरुद्ध पंजीकरण कर दिया गया | यहाँ यह भी
उल्लेखनीय है कि बांसवाडा से पंजीयन तिथि
को ही पंजीकृत वाहन की जिला झुंझुनू हेतु अंतर जिला एन ओ सी भी जारी कर दी गयी |
अन्य जिलों में भी
चल रही हैं धांधली
एक प्राप्त समाचार
के अनुसार दिल्ली एन सी आर क्षेत्र में यूरो ३ के वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर लगे
प्रतिबन्ध के कारण ऐसे वाहनों का पंजीकरण
राजस्थान में फर्जी तरीके से करवाया जा
रहा है |कोटपुतली के जिला परिवहन कार्यालय द्वारा
गत चार माह में ऐसे दो सौ से अधिक वाहनों का फर्जी तरीके से किये गए पंजीकरण का मामला चर्चा का विषय बना हुआ
है | एजेंटों के माध्यम से करवाए गए इन
पंजीकरणों में फर्जी दस्तावेजो का प्रयोग कर रजिस्ट्रेशन के समाचार हैं |
क्या कहते हैं अधिकारी
राज्य परिवहन
आयुक्त एवं सचिव गायत्री राठोड़ का कहना है कि कुछ स्थानों पर
बसों की बॉडी तैयार हुए बिना ही उनका रजिस्ट्रेशन
करा लिया गया है , जिला बांसवाडा एवं श्रीगंगानगर में सितम्बर माह में
पंजीकृत बस वाहनों की जांच के सम्बन्ध में गठित विभागीय जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर
दोषी अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाई की गयी है |बांसवाडा के कार्यवाहक जिला परिवहन
अधिकारी एन एन शाह तथा श्रीगंगानगर जिले के कार्यवाहक परिवहन अधिकारी पवन चुग को
निलंबित कर दिया गया है |
क्या जांच का
दायरा बढेगा ?
प्रश्न उठते हैं
कि क्या विभागीय अधिकारियों को नियम
कानूनों का जरा भी भय नहीं है ? कहीं ऐसा तो नहीं है कि परमिटों की इस बंदरबांट में कोई राजनितिक पुरोधा
अधिकारियों के सर पर हाथ रखे बैठा हो ? क्या राज्य में परिवहन अधिकारियों की इतनी
कमी है कि निम्न स्तर के परिवहन निरीक्षकों के सहारे जिलों का कार्य ताक पर रख
दिया जाये ? कैसे दोनों ही जिलों में रजिस्ट्रेशन का कार्य कार्यवाहक परिवहन
अधिकारियों के सहारे छोड़ा गया ?जिला चूरू के जिला परिवहन अधिकारी मनोज कुमार का
भी कहना है कि उसके पास भी जिला चूरू तथा
झुंझुनू दोनों के डी टी ओ का कार्यभार है |
अगर सही जांच की जाए तो राजस्थान के अन्य जिला परिवहन
कार्यालयों में इससे भी बड़े घोटाले का अनावरण हो सकता है | परन्तु क्या सरकार इतनी
हिम्मत दिखा पायेगी? इस पर संदेह तो है ही |
संपर्क -७६६५२६१९६३
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